क्या आप तुलसी के बारे में जानते हैं यह बाते,जान लो माता लक्ष्मी आएगी स्वयं घर ! Aniruddhacharya ji

क्या आप तुलसी के बारे में जानते हैं यह बाते,जान लो माता लक्ष्मी आएगी स्वयं घर ! Aniruddhacharya ji

तुलसी माता को जल देने का महत्व और मंत्र

हिंदू धर्म में तुलसी माता का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि तुलसी जी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि देवी स्वरूप हैं। भगवान विष्णु की पूजा तुलसी माता के बिना अधूरी मानी जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी जी को जल अर्पित करता है और विशेष मंत्र का जाप करता है, उसके घर में लक्ष्मी माता का वास होता है और दरिद्रता दूर हो जाती है।

तुलसी माता को जल देने का महत्व

भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी को समझाते हुए कहा कि तुलसी माता को जल चढ़ाना अत्यंत पुण्यदायी है। जो व्यक्ति रोज ऐसा करता है, उसे अपार धन, सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

  • तुलसी जी का जल अर्पण करने से पाप नष्ट होते हैं।
  • घर में शांति और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  • लक्ष्मी माता सदा ऐसे घर में वास करती हैं।
  • तुलसी का एक पत्ता भगवान विष्णु को उतना ही प्रिय है जितना हजारों अमृत कलश।

तुलसी माता को जल देते समय मंत्र

तुलसी माता को जल अर्पित करते समय भगवान विष्णु द्वारा बताए गए तीन शब्दों वाले मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
यह मंत्र है:

“ॐ वृंदावनी स्वाहा”

इस मंत्र का जाप करते ही वातावरण पवित्र हो जाता है और साधक के सभी पाप मिट जाते हैं।

मंत्र के लाभ

  • जो स्त्री इस मंत्र का जाप करती है, वह सौभाग्यवती बनती है।
  • जो पुरुष इसका जप करता है, उसे अक्षय धन प्राप्त होता है।
  • जिस घर में प्रतिदिन यह मंत्र बोला जाता है, वहां दरिद्रता कभी नहीं आती।

तुलसी जी की पूजा की सही विधि

  • सुबह स्नान करने के बाद बाल बांधकर और मांग में सिंदूर लगाकर तुलसी माता को जल अर्पित करें।
  • तुलसी जी की परिक्रमा अवश्य करें।
  • शाम को तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • गुरुवार के दिन तुलसी माता को कच्चा दूध चढ़ाएं और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जप करें।
  • तुलसी माता के पास शालिग्राम रखकर उन पर तुलसी पत्र चढ़ाएं।

तुलसी पत्र तोड़ने के नियम

  • रात्रि, अमावस्या, पूर्णिमा, संक्रांति और अशुभ समय पर तुलसी पत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
  • तुलसी के पत्ते हमेशा अग्र भाग से तोड़ें, नाखून से कभी न तोड़ें।
  • रात में तुलसी के पौधे को छूना या तोड़ना अशुभ माना गया है।
  • मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को तुलसी की पूजा और स्पर्श से बचना चाहिए।

तुलसी कथा का सार

शास्त्रों में तुलसी माता से जुड़ी कई कथाएं मिलती हैं। एक कथा में बताया गया है कि एक पापी ब्राह्मण, वैश्या और एक तोते ने तुलसी मंत्र के प्रभाव से अपने सारे पाप मिटाए और अंततः विष्णु लोक को प्राप्त हुए। इस कथा से यह सिद्ध होता है कि तुलसी माता की पूजा और “ॐ वृंदावनी स्वाहा” मंत्र का जाप करने से जन्मों-जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

निष्कर्ष

तुलसी माता केवल एक पौधा नहीं, बल्कि देवी स्वरूप हैं। रोज सुबह तुलसी माता को जल अर्पित कर “ॐ वृंदावनी स्वाहा” मंत्र का जाप करने से घर में सुख, शांति, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। तुलसी माता की पूजा करने वाला व्यक्ति न केवल इस लोक में बल्कि परलोक में भी शुभ फल प्राप्त करता है।

👉 इसलिए आप भी प्रतिदिन तुलसी माता की पूजा करें और इस मंत्र का जाप करें।
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✅ FAQs on Tulsi Mata Puja

1. तुलसी माता को जल कब चढ़ाना चाहिए?

सुबह स्नान करने के बाद शुद्ध मन से तुलसी माता को जल अर्पित करना चाहिए। शाम के समय दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है।

2. तुलसी माता को जल देते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

तुलसी माता को जल देते समय यह तीन शब्दों का मंत्र बोलना चाहिए:
“ॐ वृंदावनी स्वाहा”
इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है और पाप नष्ट हो जाते हैं।

3. तुलसी पूजा करने से क्या लाभ होते हैं?

  • दरिद्रता दूर होती है
  • घर में सुख-समृद्धि आती है
  • सौभाग्य और अक्षय धन की प्राप्ति होती है
  • पापों का नाश होता है

4. तुलसी के पत्ते कब नहीं तोड़ने चाहिए?

  • रात्रि के समय
  • अमावस्या, पूर्णिमा और संक्रांति पर
  • स्नान किए बिना
  • नाखून से पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है

5. महिलाओं को तुलसी की पूजा कब नहीं करनी चाहिए?

मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान महिलाओं को तुलसी माता को छूना या पूजा करना वर्जित है।

6. तुलसी के पौधे में दूध कब चढ़ाना चाहिए?

गुरुवार को तुलसी माता पर थोड़ा कच्चा दूध अर्पित करना शुभ माना जाता है। इस समय “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का जप करें।

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