नमस्कार दोस्तों!
करवा चौथ महिलाओं का एक पवित्र व्रत है और यह पति की लंबी आयु और दांपत्य जीवन में प्रेम का प्रतीक माना जाता है। अगर आप पहली बार करवा चौथ व्रत रख रहे हैं या इस दिन के महत्व को समझना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
करवा चौथ कब है?
करवा चौथ का व्रत कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।
- 2023 में: 31 अक्टूबर, रात 9:23 बजे शुरू होकर 1 नवंबर, रात 9:19 बजे समाप्त होगा।
करवा चौथ का महत्व
- विवाहित स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
- पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- माता पार्वती ने शिव के लिए और द्रौपदी ने पांडवों के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था।
- यह व्रत रखने से अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
करवा चौथ की तैयारी: महिलाओं के लिए
- सुबह से ही व्रत शुरू करें – सूर्योदय से पहले सरगी खाएं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखें।
- सज-धज – शाम को 16 श्रृंगार कर तैयार हों।
- पूजा विधि – चंद्रमा के दर्शन के बाद छलनी से चांद देख कर और पति की आरती उतारकर व्रत खोलें।
- सही रंग पहनें – लाल या पीले रंग के कपड़े शुभ माने जाते हैं। काले या उजले रंग से बचें।
- सुहाग की वस्तुएं सुरक्षित रखें – चूड़ी, सिंदूर आदि को कचरे में ना फेंकें।
करवा चौथ पर पति का कर्तव्य
- पत्नी का पूरा सहयोग करना।
- उनकी इच्छाओं और आराम का ध्यान रखना।
- घर में झगड़ा या नाराजगी से बचना।
- पत्नी को खुश करने के लिए छोटे-छोटे उपहार या स्नेह देना।
- उनके साथ पूजा और व्रत की भागीदारी में सहयोग करना।
करवा चौथ व्रत में क्या ना करें
- काट-छंटाई का काम न करें – सिलाई, कढ़ाई या कैंची का प्रयोग ना करें।
- झगड़ा और अपशब्द न बोलें – किसी से भी वाद-विवाद ना करें।
- अन्य पुरुषों या स्त्रियों के बारे में सोच न करें – यह प्रेम और विश्वास को कमजोर करता है।
- दान में सफेद चीजें ना दें – सफेद कपड़े, दूध, दही या सफेद मिठाई का दान न करें।
- सोते हुए सदस्य को न उठाएं – किसी को नींद से जगाना अशुभ माना गया है।
करवा चौथ की रात: पति-पत्नी का अनुभव
- पत्नी पूरे दिन व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती है।
- रात्रि में चंद्रमा का दर्शन करके व्रत खोलती है।
- पति इस अवसर पर पत्नी को उपहार देते हैं और जीवन भर साथ निभाने का वचन देते हैं।
- पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास की डोर और मजबूत होती है।
- घर में दीपक जलते हैं, मिठाई और चावल की थालियां सजती हैं, और मोहल्ले की महिलाएं भी आयोजन में शामिल होती हैं।
करवा चौथ का असली संदेश
- यह व्रत सिर्फ उपवास नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और सहयोग का प्रतीक है।
- दोनों के बीच की डोर मजबूत होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
- व्रत का सही पालन करने से पति की लंबी आयु, अखंड सौभाग्य और वैवाहिक खुशहाली प्राप्त होती है।
निष्कर्ष:
करवा चौथ केवल महिलाओं का व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के प्रेम और विश्वास का उत्सव है। इस दिन का सही पालन कर आप अपने दांपत्य जीवन को मजबूत और खुशहाल बना सकते हैं।
जय श्री कृष्णा! 🙏